तरक्की का सफ़र-17

मेरे घर में एक पार्टी थी। मैंने एक खेल रखा था और स…

अंगूर का दाना-6

प्रेम गुरु की कलम से प्रथम सम्भोग की तृप्ति और संतुष्ट…

अंगूर का दाना-2

प्रेम गुरु की कलम से मेरे पाठको और पाठिकाओ! आप जरू…

अपना लंड बाड़ दो !

प्रेषक : वेणु दोस्तो, मेरी यह पहली और सच्ची कहानी है…

तरक्की का सफ़र-15

राज अग्रवाल प्रीती की बात सुनकर मुझे उस पर नाज़ हो ग…

वाह ! क्या रात थी

मेरे प्रिय पाठकों और पाठिकाओं को मेरा नमस्कार। मेरा…

वेब से बेड तक- 2

प्रेषक : लव गुरू वह मेरे दूसरे चुचूक को अपने हाथ क…

अंगूर का दाना-8

प्रेम गुरु की कलम से मैं अपने विचारों में खोया था …

वीर्य बना रसायन

लकी मिश्रा दोस्तो प्रणाम ! मैं अपनी कहानी भी भेजना च…

अंगूर का दाना-3

प्रेम गुरु की कलम से उस रात मुझे और अंगूर को नींद …