मिल-बाँट कर..-1

हाय ! हम झंडाराम और ठंडाराम दोनों सगे भाई हैं। हम…

मिल-बाँट कर..-3

प्रेषक : सुशील कुमार शर्मा और भी है कोई यहाँ तुम्हार…

मिल-बाँट कर..-2

प्रेषक : सुशील कुमार शर्मा झंडाराम अभी तक अलमारी की…

मामी का सैलाब

अन्तर्वासना के इस सेक्स दरबार में मेरा एक वाकया! मेर…

मसक कली मौसी-2

मैं : ना मौसी ना ! मेरी फ़ट जा गी ! तू मन्ने बख्श दे…

मसक कली मौसी-1

लेखिका : श्रेया आहूजा मेरा नाम बरखा है ! अभी मैं र…

क्या नजारा था !

दोस्तो, मैं राज कोलकाता से ! मेरी 3-4 कहानियाँ अन्त…

सहेली का बदला

प्रेषिका : कविता आज यह कहानी मैं अपनी सहेली मल्लिका…

मसक कली मौसी-3

प्रेषिका : श्रेया आहूजा मुझे भी मज़ा आने लगा। मैंने …

नेहा के घर पर

प्रेषक : राज सिंह दोस्तो, मेरा नाम राज है, मैं दिल्ल…