वासना के पंख-9

संध्या और मोहन की माँ आपस में गुत्थम गुत्था हो गईं औ…

वासना के पंख-8

दोस्तो, आपने पिछले भाग में पढ़ा कि संध्या और मोहन ने…

वासना का भूत-2

लवीना का गोरा बदन, पांच फुट तीन इंच की लम्बाई और उ…

कामदेव के तीर-2

रजिया के जाने के बाद हमने नाश्ता किया, फिर ऊपर वाल…

कामदेव के तीर-4

घर में किसी के आने का कोई अंदेशा नहीं था, बड़ी निश्…

कामदेव के तीर-1

मैं अपने ऑफिस में बैठा मेल चैक कर रहा था, इस बार …

एक कुंवारी एक कुंवारा-2

मेरी कहानी के पहले भाग एक कुंवारी एक कुंवारा-1 मे…

कामदेव के तीर-5

मैं पलंग से उठा ही था तभी रजिया मेरे लिए चाय लेकर…

वासना का भूत-1

एक बार फिर मैं अपने जीवन की एक और सत्य घटना लेकर आ…

कामदेव के तीर-3

मैंने कहा- डार्लिंग, अब तो कल तक के लिए यही हूँ, थ…