चूत जवां जब होती है- 5

मैं उसकी जींस के ऊपर से ही उसकी चूत मसलने लगा साथ…

मेरे लण्ड का नसीब -4

अब तक आपने पढ़ा.. मोनिका के पति ने कहा- आप समाज के…

जब मस्ती चढ़ती है तो…-3

प्रेषिका : बरखा लेखक : राज कार्तिक होली वाले दिन सा…

चूत जवां जब होती है- 8

‘कर तो रहा हूँ वत्सला… चाट रहा हूँ न… बस अभी तुम्हे…

मेरी कयामत प्रेमिका

प्रेषक : युवराज मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ, अन्तर्वा…

ज़िन्दगी के अजीब रंग

मैं और कामिनी एक ही ऑफ़िस में काम करते थे। कामिनी …

एक रात मां के नाम-2

प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा मम्मी तो राजू से जोर से अप…

वो रात सुहागरात बनी-1

रंजन मैं राजस्थान के कोटा का रहने वाला हूँ और पिछल…

कुंवारी फ़ुद्दी, कुंवारा लन

प्रेषक : राहुल कपूर अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेर…

भाभी के पैरों का दर्द

नमस्कार प्रिय पाठको, मैं संजय एक बार फिर आप लोगों क…