पहले पिछवाड़ा !
प्रेषक : लवर बॉय दोस्तो, मेरा नाम बताना ज़रूरी तो नह…
गीत मेरे होंठों पर-1
कैसे हो दोस्तो, आप सभी को आपके चहेते लेखक संदीप सा…
मूली गाजर ले लो, खीरा ले लो
दोस्तो, वैसे तो आप मेरी कहानी का शीर्षक पढ़ कर ही सम…
गीत मेरे होंठों पर-4
अब तक आपने पढ़ा था कि गीत बता रही थी कि हम सहेलिया…
मदनराग रंग लायो..
तन के मिलन की चाह बडी नैसर्गिक है। सुन्दर स्त्री की द…
गीत मेरे होंठों पर-3
नमस्कार दोस्तो … अब तक आपने गीत और उनकी सहेलियों के…
गीत मेरे होंठों पर-2
अंजू ने बिंदास जवाब दिया- यार, आराम से तो पति भी …
पहला गैंगबैंग
प्रेषक : प्रकाश कुमार सभी अन्तर्वासना के पाठकों को प्र…
ट्रक ड्राईवर से एनल सेक्स
मैं एनल सेक्स का दीवाना हूँ, मुझे गांड मरवाना पसंद…
ट्यूशन टीचर से प्यार और सेक्स
मैं एक सर से ट्यूशन पढ़ने जाता था. उनकी वाइफ भी ट्यू…