मामी की बुर के मोटे होंठ

यह बात कोई 6 महीने पहले की है लेकिन है बिल्कुल सच्च…

लण्ड-चूत ने पानी छोड़ा

करके चिकनी जांघें चौड़ी दबा-दबा के चूचियाँ मरोड़ी !…

बैलगाड़ी की हसीन यात्रा

आज बहुत दिनों के बाद इस कहानी के माध्यम से आपसे मि…

मजबूरी में चुद गई अंजलि

मेरा नाम अंकिता है, मैं एक लेखिका हूँ। यह कहानी अ…

बहू-ससुर की मौजाँ ही मौजाँ-5

प्रेषिका : कौसर सम्पादक : जूजाजी उनके झटके बढ़ते गए …

कमाल की हसीना हूँ मैं-25

स्वामी आज मुझ पर रहम करने के मूड में बिल्कुल नहीं थ…

मासूम सी जोया की हकीकत

आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार! मैं जावेद, अन्तर्वा…

लुटने को बेताब जवानी-1

सबसे पहले मैं अपने पाठको को धन्यवाद देना चाहूंगी ज…

कमाल की हसीना हूँ मैं-44

घंटे भर बाद ही एक सेमीनार था जो ससुर जी ने मुझे अ…

बहू-ससुर की मौजाँ ही मौजाँ-1

प्रेषिका : कौसर सम्पादक : जूजाजी मेरा नाम कौसर है। …