आपा का हलाला-12

मेरी सेक्सी कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैस…

शालू की गुदाई-4

लेखक : लीलाधर मुझे दरार के नीचे गुदा की गुलाबी कल…

आपा का हलाला-11

मैं लंड से उसकी चूत रगड़ने लगा और अपना औज़ार एक ही …

दोस्त की लिव-इन

प्रेषक : अजय मेरा नाम अजय है, दिल्ली में इंजीनियरिं…

मन का मीत मिला रे

मेरी शादी के बाद एक महीना तो रोज 4 से 5 बार चुदाई…

शालू की गुदाई-1

दोस्‍तो, आपने मेरी पिछली कहानी ‘केले का भोज’ को तह…

दोस्त की मंगेतर

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम। मेरा नाम द…

भाभियों का दुःख

सुनिये जी ! कल रात फिर आपसे भूल हो गई है । इतनी ज…

लिंग की आत्मकथा

मैं शेखर का लिंग हूँ। मुझे अनेकों उपनामों से जाना…

एक खुशनुमा सपना

हेल्लो दोस्तो! मैं सावी एक बार फिर से हाजिर हूँ अपन…