पर पुरुष समर्पण-1
पर-पुरुष सम्मोहन से आगे: उस दिन वो तो चला गया पर म…
पूरे हुए सपने-1
होली है ही मस्ती का त्यौहार! हर एक के अन्दर की कामुक…
थोड़ा सा प्यार-1
कामिनी सक्सेना जमशेदपुर की स्वर्णलता लिखती है कि अन्त…
पूजा का पुजारी-1
हैलो दोस्तो, मुझे अपने से बड़े उम्र की लड़कियाँ या भा…
शिल्पी की चुदाई?
प्रेषक : रमा शंकर अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा …
चंडीगढ़ की बारिश
हेल्लो दोस्तो, विक्की का आप सभी को प्यार भरा नमस्कार. …
जोर लगा के पेलो
मैं एक नए शहर में जब अकेले घूमने निकला तो मैं चलत…
पर पुरुष समर्पण-2
मधुरेखा लेकिन उसने बिना कुछ बोले फ़िर से मेरे लबों…
मामा की लड़की की सील
हीरल पटेल मेरा नाम हरी है, मैं अहमदाबाद में रहता …
वेब से बेड तक-1
प्रेषक : लव गुरू मेरी यह कहानी काल्पनिक है। इस कहान…