बिस्तर से मण्डप तक

लेखक : विक्की हेल्लो दोस्तो, मैं विकास, आज मैं अपनी …

घर की सुख शांति के लिये पापा के परस्त्रीगमन का उत्तराधिकारी बना-7

मैंने उन्हें उत्तर देते हुए कहा- आंटी, आप कह रही थी…

सब कुछ करना होता है !

प्रेषक : हॉट बॉय नमस्कार, मैं अन्तर्वासना को साल भर स…

सोनू से ननदोई तक-2

चलो अब पहले भाग से आगे चलते हैं : जैसे कि मैंने प…

जवानी का पहला खेल

दोस्तो, आज आपको मैं अपनी एक बड़ी पुरानी कहानी सुनान…

क्लिनिक में चुदाई

प्रेषक : कुणाल वर्मा मेरा नाम कुणाल है, जयपुर का रह…

जरा ठीक से बैठो-1

प्रिय पाठको, हरेश जी का एक बार फ़िर नमस्कार ! आपने म…

जरा ठीक से बैठो-3

प्रेषक : हरेश जोगनी बड़ा अजीब नज़ारा था, दो गेंद जो …

लड़की से औरत बनी-2

मेरे प्रिय दोस्तो, जैसा कि मैंने अपनी पहली चुदाई लड़…

जरा ठीक से बैठो-2

प्रेषक : हरेश जोगनी हम दोनों थक चुके थे उस स्थिति म…