जिस्मानी रिश्तों की चाह-59

सम्पादक जूजा मैंने आपी को आश्वस्त करते हुए कहा- अरे …

जिस्मानी रिश्तों की चाह-53

सम्पादक जूजा कुछ देर आपी की चूत के दाने को चूसने क…

पैसों के लिए शादी कर बैठी-1

सब दोस्तों को प्यार भरी नमस्ते, इस नाचीज़ सीमा की खूब…

जिस्मानी रिश्तों की चाह-56

सम्पादक जूजा अगला दिन भी बहुत बिज़ी गुजरा और आम दिन…

पैसों के लिए शादी कर बैठी-2

सबको प्यार भरी नमस्ते, इस नाचीज़ सीमा की खूबसूरत अदा…

जिस्मानी रिश्तों की चाह-69

कमरे में हम चारों चुदाई का खेल खेल रहे थे। हनी की…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -61

सम्पादक जूजा आपी मेरे ऊपर थी कि तभी आपी धीमी आवाज़ …

भैया के दोस्त ने गांड मारी

हैलो, मैं तनिष्क़ हूँ. आपने मेरी पहली वाली कहानी फ़ु…

चुदक्कड़ माया का सुहाना सपना-2

मैं ड्राइवर को रास्ता बताती गई, घर ज़्यादा दूर नहीं थ…

जिस्मानी रिश्तों की चाह-60

सम्पादक जूजा मैंने डिल्डो के धोखे से आपी की चूत में…