शरम की क्या बात

प्रेषक – अंकित सिंह मेरा नाम अंकित है। सबसे पहले म…

कामना की कामवासना -4

मेरे खुले मुख को देख कर ससुरजी मुस्करा पड़े और उन्हो…

कामदेव के तीर-5

मैं पलंग से उठा ही था तभी रजिया मेरे लिए चाय लेकर…

कामदेव के तीर-4

घर में किसी के आने का कोई अंदेशा नहीं था, बड़ी निश्…

जोगिंग पार्क-2

नेहा वर्मा एवं शमीम बानो कुरेशी “कल आऊँगी… अब चलती…

अब करो मेरा काम !

दोस्तो, हैरी का नमस्कार ! कैसे हैं आप लोग ! आप सभी …

कामदेव के तीर-2

रजिया के जाने के बाद हमने नाश्ता किया, फिर ऊपर वाल…

वो कातिल आँखें

हाय दोस्तो, मैं नीरज पटेल मैं छतरपुर जिले के एक ग…

बहन का लौड़ा -36

अब तक आपने पढ़ा.. रोमा वासना के भंवर में फँस गई थी…

बहन का लौड़ा -37

अब तक आपने पढ़ा.. नीरज उसको अन्दर ले गया और बड़े प्या…