अंगूर का दाना-7

प्रेम गुरु की कलम से ‘अम्मा बापू का चूसती क्यों नहीं…

अंगूर का दाना-5

प्रेम गुरु की कलम से मैंने अपने एक हाथ की एक अंगु…

अंगूर का दाना-8

प्रेम गुरु की कलम से मैं अपने विचारों में खोया था …

अंगूर का दाना-4

मैंने उसे बाजू से पकड़ कर उठाया और इस तरह अपने आप …

अंगूर का दाना-1

प्रेम गुरु की कलम से एक गहरी खाई जब बनती है तो अपन…

रेल गाड़ी में 69

नमस्कार…मैं एक बहुत ही हंसमुख स्वभाव का पढ़ा लिखा इन्…

प्यार का इन्तजार

यह कहानी पूर्णतया काल्पनिक है। केवल मनोरंजन के लिए …

रेल गाड़ी में 69

नमस्कार…मैं एक बहुत ही हंसमुख स्वभाव का पढ़ा लिखा इन्…

कुंवारी भोली–12

शगन कुमार दरवाज़े पर महेश और उसके साथियों को देख क…

कुंवारी भोली–13

मैंने वे कपड़े पहन लिए। इतने महँगे कपड़े मैंने पहले…