मैं खुद हैरान हूँ-2

लेखक : नामालूम प्रस्तुतकर्ता : जूजा जी उन्होंने मेरे …

एक ही बाग़ के फूल-2

मेरी नज़र अब आंटी की चूत पे गयी जहाँ उसके हल्के बाल…

एक ही बाग़ के फूल-3

मैंने भी उसको देख के हाथ हिलाया और फ़ोन में सन्देश …

मेरी चालू बीवी-100

सम्पादक – इमरान रिया के कहने पर ही मुझे सुरक्षा का …

एक ही बाग़ के फूल-5

छाया ने कहा- जब कभी कभी मैं सोई रहती हूँ तब ऐसा ल…

एक ही बाग़ के फूल-1

दोस्तो, कैसे हो आप सब लोग! आपने मेरी पिछली कहानी द…

मेरी चालू बीवी-102

सम्पादक – इमरान तभी वो लोग सलोनी पर भी शर्त लगाने ल…

मेरी चालू बीवी-103

सम्पादक – इमरान सलोनी जैसे ही प्लेट में लेने के लिए…

एक ही बाग़ के फूल-6

मैंने अपना लंड निकाल लिया और उसकी चूचियाँ दबाने औ…

मेरी चालू बीवी-101

सम्पादक – इमरान और तभी मैंने सोचा मैं भी क्या सोचने…