मेरी चालू बीवी-129
सलोनी- अब क्या बताऊँ भाभी, मैं तो बस मेहता अंकल के…
मेरी चालू बीवी-124
पहले सलोनी ही उठी, वो बिल्कुल नंगी ऐसे ही उठकर खड़ी…
मेरा गुप्त जीवन -70
थोड़ी देर बाद वो भाभी को शादी वाले जोड़े में सजा कर…
अहमदाबाद का जिगोलो
दोस्तो, मेरा नाम सागर है, मैं अहमदाबाद में रहता हू…
मदहोशी भरे वो पल-1
Madhoshi Bhare Vo Pal-1 अन्तर्वासना के सभी पाठको को…
मेरी चालू बीवी-121
सम्पादक- इमरान मामाजी- अह्ह्ह अह्ह्हाआ आह तेरी बातों म…
मेरी चालू बीवी-122
सम्पादक- इमरान तभी शमीम ने रानी का एक हाथ पकड़ कर अ…
मेरा गुप्त जीवन -47
जैसा हमने तय किया था, मैं 12 बजे रात को निम्मी और …
मेरी चालू बीवी-120
सम्पादक- इमरान उन्होंने सलोनी को फिर से वैसे ही आरा…
एक बेवा का शिकार-2
एक शाम मैंने फिर मुठ्ठ मार कर उसकी चड्डी में पोंछ क…