मेरा गुप्त जीवन- 170

अगले दिन बारात का दिन था तो सभी उस काम में व्यस्त थ…

मेरा गुप्त जीवन- 169

जब मैं अपने वाले कमरे में पहुँचा तो वहाँ लड़कियों …

मेरा गुप्त जीवन- 168

मैं बड़ी धीरे धीरे चुदाई कर रहा था ताकि ऊषा पुनः ग…

मेरा गुप्त जीवन- 167

सब लड़के लड़कियों ने ज़ोर से तालियाँ मारी लेकिन तभी …

मेरा गुप्त जीवन- 166

मैं आँखें बंद कर के नहा रहा था कि अचानक मेरे कानो…

मेरा गुप्त जीवन- 165

शाम सिंह जी नीचे उतर आये और मैं यह देख कर हैरान ह…

मेरा गुप्त जीवन- 164

मैं सिर्फ मुस्करा भर दिया और हल्के से अपनी बाईं आँख …

मेरा गुप्त जीवन- 163

भैया की आँखें पूरी तरह से नग्न कम्मो के शरीर पर ही …

मेरा गुप्त जीवन- 161

सवेरे उठ कर कम्मो के हाथ से चाय पी कर मज़ा ही आ जात…

मेरा गुप्त जीवन- 162

मैंने भी उसके मोटे चूतड़ों को हल्के से मसल दिया और …