जिस्म की जरूरत-4

रेणुका तेज़ क़दमों के साथ दरवाज़े से बाहर चली गईं… म…

जिस्म की जरूरत-3

रैक के ऊपर के सारे बर्तन गंदे पड़े थे इसलिए वो झुक …

लिंग की आत्मकथा

मैं शेखर का लिंग हूँ। मुझे अनेकों उपनामों से जाना…

दोस्त की मंगेतर

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम। मेरा नाम द…

जिस्म की जरूरत-5

‘जी नहीं… यह हमारी मम्मी का हुक्म है और उनकी बात को…

भाभी देवर के बीच की सेक्स कहानी-1

मेरे कमरे के पास एक बहुत सुंदर भाभी रहती थी. देखत…

भाभी देवर के बीच की सेक्स कहानी-3

पड़ोस की सेक्सी भाभी मेरे साथ नंगी थीं और मैं उनकी …

जिस्म की जरूरत-6

‘ठीक है समीर जी, अब तो रोज़ ही मिलना मिलाना लगा रह…

मुम्बई की गंध-2

तीन फुट ऊंचे, संगमरमर के फर्श पर, बहुत कम कपड़ों मे…

मेरी माँ सेक्सी माँ-1

आपको तो पता ही है दिल्ली का मौसम! यहाँ सर्दी में कि…