Search Results for "परिवार-सामूहिक"

स्वतन्त्रता दिवस

प्रेषक : आशीष उज्ज्वल हाय दोस्तों, मेरा नाम आशु है। म…

तीन पत्ती गुलाब-20

आज पूरे दिन बार-बार गौरी का ही ख़याल आता रहा। एकबा…

तीन पत्ती गुलाब-19

“वो … चाय … ठंडी हो जायेगी?” गौरी ने अस्फुट से शब्द…

तीन पत्ती गुलाब-21

अगले दिन सुबह जब मधुर स्कूल चली गई तो गौरी नाज-ओ-अ…

किरायेदार भाभी-1

दोस्तो, आपने मेरी सच्ची कहानियाँ पढ़ी हैं और वो सभी …

तीन पत्ती गुलाब-23

मैंने अपनी जेब से वह सोने की अंगूठी निकाली और गौर…

तीन पत्ती गुलाब-22

जिन पाठकों को यह कहानी पसंद नहीं आ रही है, जो भद्द…

मेरे पड़ोस की पूजा

चूत की देवियों को मेरे लंड का प्यार भरा नमस्कार… मे…

प्यास बुझती नहीं

अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नस्कार। कैसे हैं आप लो…

अरमान पूरे हुए… -2

जैसे ही राशि के पेपर हो गए और राशि फिर से अपने शह…