Search Results for "माँ-बहन-पेशाब"
मेरी चालू बीवी -1
सम्पादक : इमरान यह कहानी मेरे एक नए बने दोस्त नरेन् …
तीन पत्ती गुलाब-41
मैंने गौरी को अपनी गोद में उठा लिया। “ओह… रुको तो…
मामी की मोटी गांड
दोस्तो, मेरा नाम सुनील है, मैं मुरादाबाद का रहने व…
मधुर प्रेम मिलन-2
प्रेषिका : स्लिमसीमा ‘मधुर, क्या मैं एक बार आपके हाथ…
तीन पत्ती गुलाब-35
अब भाभी बैड पर पेट के बल लेटी गई थी और भैया ने उन…
मधुर प्रेम मिलन-3
मैं घूम कर फिर से उनके सीने से लग गई और उनके गले …
तीन पत्ती गुलाब-39
और फिर दूसरे दिन सुबह जब मधुर स्कूल चली गई तो गौरी…
तड़फ़ाते बहुत हो-4
मुझे रुला कर दिल उसका भी रोया होगा, चेहरा आँसुओं …
सर्दी में पार्टी
प्रेषिका : नितिका सिंह दोस्तो ! मैं अन्तर्वासना की पि…
तड़फ़ाते बहुत हो-3
कितने बरसों का सफ़र खाक हुआ, जब उसने पूछा, कहो कैस…