Search Results for "माँ-बहन-पेशाब"
तीन पत्ती गुलाब-41
मैंने गौरी को अपनी गोद में उठा लिया। “ओह… रुको तो…
तड़फ़ाते बहुत हो-2
ज़िन्दगी का पहला प्यार कौन भूलता है, ये पहली बार होत…
तड़फ़ाते बहुत हो-1
दिल के आँगन में चाँद का दीदार हो गया, हम उन्हें दे…
तड़फ़ाते बहुत हो-3
कितने बरसों का सफ़र खाक हुआ, जब उसने पूछा, कहो कैस…
तीन पत्ती गुलाब-20
आज पूरे दिन बार-बार गौरी का ही ख़याल आता रहा। एकबा…
मुझे अपनी बना ले
लेखिका : सीमा सबसे पहले गुरु जी को मेरा कोटि-कोट…
तड़फ़ाते बहुत हो-4
मुझे रुला कर दिल उसका भी रोया होगा, चेहरा आँसुओं …
मेरी बेबाक बीवी-2
फिर भी दोस्त ने उससे पूछा- भाभी, आप बताओ और कोई प्र…
मधुर प्रेम मिलन-2
प्रेषिका : स्लिमसीमा ‘मधुर, क्या मैं एक बार आपके हाथ…
तीन पत्ती गुलाब-22
जिन पाठकों को यह कहानी पसंद नहीं आ रही है, जो भद्द…