मेरा गुप्त जीवन- 180

मैंने बसंती से पूछा- क्यों बसंती, यहाँ दिल लग गया …

वो सात दिन कैसे बीते-7

‘मज़ा आ गया।’ थोड़ी देर बाद उसने करवट ली और मेरी आँ…

दोस्त की बीवी बनी माशूका-2

विकास और नीता भाभी के घर से लौट कर आया तो रोमा ने…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -41

सम्पादक जूजा मैंने अपनी गली पर अपने लण्ड का जूस उठा…

वो सात दिन कैसे बीते-1

साल भर हो गया शायद, मेरी अंतिम कहानी को छपे… ऐसा …

जिस्मानी रिश्तों की चाह -37

सम्पादक जूजा अब तक आपने पढ़ा.. आपी मेरे लबों को चूस…

विधवा आंटी की हवस

हैलो दोस्तो, मेरा नाम गौरव है। मैं लाल कोठी.. जयपु…

Ek Salesgirl Ke Sath Dream Sex

Hi dosto, main amit ekbar fir se aapke paas aaya …

वो सात दिन कैसे बीते-8

अगले दिन शुक्रवार था और आज भी उसकी क्लास थी जिससे व…

धोखेबाज गर्लफ़्रेन्ड को खुल्लम-खुल्ला चोदा

दोस्तो, मेरा नाम राम है और मैं कन्नौज का रहने वाला …