वो सात दिन कैसे बीते-6

‘हम एनल सेक्स कर सकते हैं… अगर तुम चाहो।’ मैंने खु…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -44

सम्पादक जूजा मैं आपी के पीछे से उनकी जांघों के बीच…

कांच का टूटना अधूरा शुभ होता है

नमस्कार दोस्तो.. मैं आपके लिए परिचित तो नहीं हूँ.. …

मुम्बई से दुबई- कामुक अन्तर्वासना-8

पिछले भाग में आपने पढ़ा कि ट्रेन में एक लड़की मिली ज…

Meri Sabse Badi Galti

Hello, dosto mera naam Vijay hai aur main aaj aap…

Mere Mama Ki Beti Surabhi

Hello dosto mera naam Ayush h main lko ka rehne w…

नखरे वाली चाची की बेरहम चुदाई

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम। मेरा नाम अ…

वो सात दिन कैसे बीते-4

गौसिया स्खलित होने के बाद सनसनाते दिमाग के साथ बेज…

प्यास भरी आस: एक चाह-2

जब कॉलेज से लौट कर घर आ रहा था तो भाभी गेट पर थीं…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -42

आपी नाश्ते के वक्त मेरी छेड़छड़ से इतनी गर्म हो गई कि …