हाथ में हाथ-2
वह चुपचाप रही, लेकिन चमकती हुई बिजली की रोशनी में…
सावन में चुदाई-2
प्रेषक : विजय पण्डित “आह रे, मर जावां रे… विजय, तुझ…
एक कुंवारे लड़के के साथ-2
कहानी का पिछला भाग : एक कुंवारे लड़के के साथ-1 मैं…
वो मस्तानी रात….-1
प्रिय मित्रो.. आप सब मेरी कहानी पढ़ते हो, सराहते हो,…
पिंकी की बेटी सोनिया-3
प्रेषक : वरिंदर इस वक़्त वो बहुत कम कपड़ों में थी, मै…
पिंकी और सोनिया के बाद-2
प्रेषक : वरिंदर बेहद छोटा सा हल्का गुलाबी टॉप, केप्र…
शर्बत-ए-आजम
प्रेषिका : लक्ष्मी कंवर मेरा देवर नरेन्द्र बहुत ही सीध…
कानून के रखवाले-13
देर से ही सही … इतनी ज्यादा सेक्स में मजबूर होने के…
मुझे रण्डी बनना है-4
मैं तो उसके मुंह से ऐसी रंडी वाली भाषा सुनकर दंग …
मुझे रण्डी बनना है-1
बीते दिनों की बात है, मैं हमेशा की तरह ट्रेन में स…