दिलकश मुस्कान -1

दोस्तो, सबसे पहले मैं आप सबका शुक्रिया करता हूँ आपन…

पैसे का सफर

अन्तर्वासना के प्यारे पाठकों को आपकी अपनी अर्चना का प्…

जेम्स की कल्पना -5

अब मन में वह दुविधा भी नहीं बची थी, कि यह क्यों हो…

दूसरी विदाई

हाय दोस्तो, काम के सिलसिले में मुझे झारखण्ड के एक छ…

उमर ही ऐसी है !

6 इंच बड़ा लण्ड कभी होता नहीं है पर दुनिया वाले बोल…

कली से फूल-2

लेखक : रोनी सलूजा हम दोनों लॉज में एक डबलबेडरूम ल…

असीमित सीमा-1

लेखक : जवाहर जैन अन्तर्वासना के सभी पाठकों को नमस्का…

बिजली कटी, किस्मत जगी

प्रेषक : राज मधुकर मैं राज मधुकर बहुत समय से अन्तर्व…

दिलकश मुस्कान -2

मैं पूरी फिल्म में उसके उरोज सहलाता-दबाता रहा। उसे…

लिव इन कैरोल-2

प्रेषक : मुकेश कुमार दोस्तों, अब तक जितनी रंडियों स…