मेरा गरूर-चकनाचूर
लेखिका : अंजू वर्मा मेरा नाम अंजू है। मैं बीस साल …
भाभी तड़प गई
मेरा नाम अनिल है मैं कानून का छात्र हूँ। मेरी उम्र …
मेरी मां चुद गई
प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा रात आने को थी… मेरा दिल ध…
पंख निकल आये-1
पाठको, आपके साथ-साथ मैं भी अन्तर्वासना की कहानियों …
भाभी की लम्बी-लम्बी झांट
नमस्कार दोस्तो, इसके पहले की कहानी को आप लोगों ने ब…
वेब से बेड तक- 2
प्रेषक : लव गुरू वह मेरे दूसरे चुचूक को अपने हाथ क…
हिस्सेदार की बीवी
मित्रो, मैं अपना परिचय दे दूँ, मेरा नाम गौरव गुप्ता…
खुल्लम-खुल्ला प्यार करेंगे-1
राज का मन बार बार रूपल को सोच सोच कर तड़प जाता था।…
प्रेम के अनमोल क्षण-1
प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा श्री मनोहर सिंह मेहता के द्…
बात बनती चली गई-1
विजय पण्डित घर में हम तीन लोग ही रहते थे- मैं, मेर…