हेड गर्ल बनने के लिए-3
सर ने मेरी कमीज उतारी, मैंने भी धीरे धीरे उनकी शर्…
क्यों हो गया ना ?
मेरी ये कहानी मेरी एक ई-मित्र को समर्पित है – प्रेम …
हेड गर्ल बनने के लिए-4
प्रिंसिपल सर बोले- बेटी, सलवार का नाड़ा लटक रहा है।…
दोस्त से कराई बहन की चुदाई
प्रेषक : प्रतीक दोस्तो, मेरा नाम प्रतीक है, अन्तर्वासना…
मौज़ की कमाई
लेखक : अमित अन्तर्वासना के पाठकों और मेरी प्यारी चूत…
यह कैसा संगम-1
नेहा वर्मा यह कहानी तीन प्रेमियों की है। इस कहानी क…
कयामत थी यारो-1
प्रेषक : विशाल अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार।…
Moumita Ami Ar Sei Dupur
Paray sobai dakto Tomal bole. Amar valo naam je k…
आकर्षण-2
वेदांत : अब दर्द कैसा है .. खाना खा लिया..?? मैंने…
शाकाल और नंगी हसीनाएँ-4
काउंटर पर बहुत भीड़ थी, अभी शो शुरू नहीं हुआ था। न…