आकर्षण- 7

बीच बीच में वो मुझे प्रेम भरे चुम्बन देता… धीरे धीर…

तीन चुम्बन-3

लेखक : प्रेम गुरू रति-द्वार दर्शन : जब मैं रमेश और स…

सोने का नाटक

मैं अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ, उम्मीद है आप सब क…

आकर्षण-3

लेखिका : वृन्दा बस इसी तरह समय बीतता रहा.. हम समय …

एक के ऊपर एक

प्रेषक : अर्जुन मेरा नाम अर्जुन है, मैं शहर में काम …

जन्नत चाची

मै और मेरे चाचा-चाची पास-पास रहते थे, मेरे चाचा क…

छप्पर फाड़ कर

प्रेषिका : रिया रॉय चूत के सभी पुजारियों को रिया र…

रुचि का शिकार-2

रुचि सीधे होकर मुझसे चिपक गई और बोली- सच राजीव, इ…

मेरा प्यारा देवर-3

वो अपनी टी-शर्ट उतारने को नहीं मान रहा था, तो मैंन…

चरित्र बदलाव-7

रात को करीब 11 बजे दरवाजे की घण्टी बजी और जब मैंने…