एक गांव की छोरी
मैं उन दिनों गांव में अपनी दीदी के घर आया हुआ था.…
स्पर्म थैरेपी-4
प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता तृतीय भाग से आगे : अगले …
बात बनती चली गई-1
विजय पण्डित घर में हम तीन लोग ही रहते थे- मैं, मेर…
स्पर्म थैरेपी-3
प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता द्वीतीय भाग से आगे : अब म…
प्रेम के अनमोल क्षण-2
प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा भाभी अपने एक एक अंग को मे…
शिल्पा के साथ ट्रेन का सफ़र-1
लेखक : माइक डिसूज़ा मैं अन्तर्वासना की कहानियाँ बहुत…
अब मत तड़फ़ाओ
प्रेषक : कुलभूषण सिंगला अन्तर्वासना के सभी पाठकों को…
पड़ोसन विधवा भाभी
प्रेषक : संजय शर्मा मैं संजय शर्मा फिर हाज़िर हूँ एक…
मेरी सपना
प्रेषक : राकेश रंजन दोस्तो, जैसा कि आप सभी जानते है…
क्या है प्रेम?
प्रेषिका : सिमरन शर्मा प्रेम का परिणाम संभोग है या क…