रीटा की तड़पती जवानी-1

रीटा कान्वेंट स्कूल की अति आधुनिक विचारों वाली सैक्स…

पति से बुझे ना तन की आग-2

लेखिका : अरुणा तभी श्रीनगर में ही मैं पति के दफ्तर …

मेरी जवानी की गलतियाँ-3

प्रेषिका : सिमरन सोधी मैं सेकण्ड इयर में थी और काफी…

देहाती यौवन-2

लेखिका : कमला भट्टी मैंने चुपचाप उसकी सख्त गोलाइयों…

मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-5

लेखक : प्रेम गुरु “हाँ एक अनोखा आनंद जो शायद तुमने…

रीटा की तड़पती जवानी-8

रीटा बोली- नहीं, थोड़ा ऊपर करिये तो बताती हूँ. बहा…

छैल छबीली-1

“सुनो भाई, कोई कमरा मिलेगा?” “वो सामने पूछो!” मैं…

मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-2

लेखक : प्रेम गुरु आज मनीष ने जल्दी घर आने का वादा क…

बाबा की शीशी

प्रेषक : जो हण्टर यदि घर में एक अदद भाभी हो तो मन ल…

पेईंग गेस्ट

प्रेषक : गुल्लू जोशी मेरी नौकरी शहर में लग गई थी। म…