घर के लौड़े-9

Ghar ke Laude-9 हम दोनों बिस्तर पर लेट गए.. चुंबन …

जन्मदिन के उपहार में गाण्ड मरवाई-1

Janamdin ke Upahar me Gaand Marvai-1 दरअसल मेरे य…

घर के लौड़े-1

हाय दोस्तो, आपकी दोस्त पिंकी दोबारा आप लोगों के मनो…

आज दिल खोल कर चुदूँगी -7

तभी सुनील बोले- चलो स्टॉप आ गया.. बस रुकी, मैं और …

रेशमा की रात

प्रशांत एक फ्रस्टरेटेड मिडल क्लास व्यक्ति था जिसकी सेक्स…

मेरी चालू बीवी-115

सम्पादक – इमरान मैं बहुत तेजी से धक्के लगा रहा था, …

अन्तहीन कसक-2

Antheen Kasak-2 मैं घर चला आया लेकिन मेरा मन बिल्क…

चूचियाँ कलमी आम-3

अब मुझे भी अहसास हो गया था कि अब यह चुदने को पूरी…

सलहज इतनी हसीं कि दिल मचल गया-3

मैं- शेविंग का सामान दो मुझे.. भाभी- क्यों? मैं- म…

सपना और एकता की बजा दी-1

Sapna Aur Ekta ki Baja Di-1 सबसे पहले मैं अन्तर्वास…