दो यादगार चूतें-2
लेखक : रवि लोरिया बोली- जीजू पिशाब नहीं पिलाओगे क्…
होली आई रे, खुशियाँ लाई रे
मेरा नाम नीना है और मैं पटियाला में रहती हूँ। मेर…
एक बेवा का शिकार-2
एक शाम मैंने फिर मुठ्ठ मार कर उसकी चड्डी में पोंछ क…
मेरी प्यारी चारू –2
दोस्तो, मैं और चारू दोनों ही प्यार के रंग में सराबो…
मेरी प्यारी आवृति
लेखक : परेश गुप्ता मेरा नाम परेश गुप्ता है, मैं एक …
पोर्न स्टार की तरह चोदा-2
प्रेषक : दीप कविता- रूको दीप, वहाँ चलो। सामने पड़े …
माँ-बेटियों ने एक-दूसरे के सामने मुझसे चुदवाया-8
घर लौटने के बाद मैंने दोपहर के खाने के समय कहा- ब…
मामा की बेटी से जाने अनजाने
विराज कुमार अन्तर्वासना के सभी पाठकों एवं पाठिकाओं …
उसे जन्नत दिखा दी !
मेरा नाम आदित्य है। यह मेरी बिल्कुल सच्ची घटना है, उ…
मैं पूरे परिवार से चुदी-2
प्रेषिका : आशा संजय अपनी टाँग फैला कर बिस्तर पर बैठ…