महकती कविता-3
महकती कविता-1 महकती कविता-2 कविता ने लण्ड को फिर …
जिस्म की मांग-4
प्रेषिका : लीला “बाबू, तू मेरा प्यार है, चाहे अब मै…
एक अनोखी दुर्घटना
प्रेषक : अनिल वर्मा हेलो दोस्तो, कैसे हैं आप लोग? मै…
behen biwi or bhabi uski sotan
BHABHI AUR BAHAN KO CHODA Hello dosto,mera name r…
बाथरूम का दर्पण-5
मैं रोनी सलूजा एक बार फिर आपसे मुखातिब हूँ। मेरी …
तन का सुख-2
लेखक : राज कार्तिक तभी कमल ने सुधा को जाने को कहा …
महकती कविता-1
रोहण अपने तबादले पर कानपुर आ गया था। उसे जल्द ही ए…
इब तो बाड़ दे -1
प्रेम गुरु द्बारा सम्पादित एवं संशोधित प्रेषक – जीत श…
Job In New Place
Hi friends its me Jasi once again now in harayana…
स्वयंवर का सच-1
लेखक : प्रेम गुरु और अरमान मैं जानता था कि यह राखी…