बिल्लू से चुदवा दो ना

मेरा नाम रणदीप है, शादी को सिर्फ दो साल हुए हैं। म…

चाचा का उपहार-2

चाचा का उपहार-1 तभी चाचा ने दरवाज़ा खटखटाया तो चा…

कानून के रखवाले-13

देर से ही सही … इतनी ज्यादा सेक्स में मजबूर होने के…

एक कुंवारे लड़के के साथ-4

कहानी का पिछला भाग : एक कुंवारे लड़के के साथ-3 मैं…

सावन में चुदाई-2

प्रेषक : विजय पण्डित “आह रे, मर जावां रे… विजय, तुझ…

मुझे रण्डी बनना है-6

मौसी ने इशारा किया और कहा- क्या राजा बाबू ! हमारी …

शर्बत-ए-आजम

प्रेषिका : लक्ष्मी कंवर मेरा देवर नरेन्द्र बहुत ही सीध…

मुझे रण्डी बनना है-3

हम मौसी के कमरे में पहुंचे आलीशान कमरा था और ए सी…

हाथ में हाथ-2

वह चुपचाप रही, लेकिन चमकती हुई बिजली की रोशनी में…

मुझे रण्डी बनना है-1

बीते दिनों की बात है, मैं हमेशा की तरह ट्रेन में स…