ड्राईवर को अपना जिस्म सौंपा

सभी अंतर्वासना पढ़ने वाले पाठकों को मेरा कोटि-कोटि …

मेरी मंगेतर-2

प्रेषक : कर्ण कुमार कुछ दिन बाद मेरा जन्मदिन था। कोम…

तुम मुझे मरवा दोगे !

दोस्तो, मैं संजू आप के लिए लेकर आया हूँ अपनी ज़िन्दग…

मकान मालिक की लड़की

दोस्तो, मेरा आप सभी को प्रणाम! मैं राहुल गुप्ता भोपा…

नौकर की बीवी के साथ सुहागरात

मेरा नाम जगजीत सिंह है। पंजाब के मालवा इलाके का ज…

कल्पना साकार हुई-2

अब बारी तृष्णा की थी, उसने विक्रम का अन्डरवीयर उतारा…

बेताबी

प्रेषिका : परी मेरा नाम रेशमा है। मैं इस्लामाबाद पा…

पैगाम-2

लेखिका : नेहा वर्मा “क्या ? गंगा तो एक दम बढ़िया है …

मोना क़ी दीदी क़ी चुदाई

मैं संजय एक बार फिर अपनी आपबीती आपको बताना चाहता …

थोड़ा सा प्यार-1

कामिनी सक्सेना जमशेदपुर की स्वर्णलता लिखती है कि अन्त…