आकर्षण-5
लेखिका : वृंदा वेदांत मेरे पास आया.. उसने मुझे गल…
आकर्षण-3
लेखिका : वृन्दा बस इसी तरह समय बीतता रहा.. हम समय …
एक के ऊपर एक
प्रेषक : अर्जुन मेरा नाम अर्जुन है, मैं शहर में काम …
जन्नत चाची
मै और मेरे चाचा-चाची पास-पास रहते थे, मेरे चाचा क…
छप्पर फाड़ कर
प्रेषिका : रिया रॉय चूत के सभी पुजारियों को रिया र…
लड़की से औरत बनी-2
मेरे प्रिय दोस्तो, जैसा कि मैंने अपनी पहली चुदाई लड़…
बुड्ढों के महान लौड़े
आपका प्यारा दुलारा : सनी एक बार फिर हाज़िर हूँ.. नम…
चरित्र बदलाव-7
रात को करीब 11 बजे दरवाजे की घण्टी बजी और जब मैंने…
दो नम्बर का बदमाश-2
मैं सोफ़े पर बैठ गया। जैसी ही बाथरूम का दरवाज़ा खुल…
सोने का नाटक
मैं अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ, उम्मीद है आप सब क…