पति से बुझे ना तन की आग-2
लेखिका : अरुणा तभी श्रीनगर में ही मैं पति के दफ्तर …
रीटा की तड़पती जवानी-8
रीटा बोली- नहीं, थोड़ा ऊपर करिये तो बताती हूँ. बहा…
पति से बुझे ना तन की आग-1
प्रणाम पाठको, कैसे हो! उम्मीद है सभी कुशल मंगल होंग…
छैल छबीली-1
“सुनो भाई, कोई कमरा मिलेगा?” “वो सामने पूछो!” मैं…
मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-2
लेखक : प्रेम गुरु आज मनीष ने जल्दी घर आने का वादा क…
अहमदाबाद के होटल में
प्रेषक : सागर पाण्ड्या मेरा नाम सागर है, मैं गुजरात,…
बाबा की शीशी
प्रेषक : जो हण्टर यदि घर में एक अदद भाभी हो तो मन ल…
पेईंग गेस्ट
प्रेषक : गुल्लू जोशी मेरी नौकरी शहर में लग गई थी। म…
कामुक रेखा
प्रेषक : प्रेम अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा सलाम…
Mausaji Ne Chod Dala
Mama ke bhai ki shadi to ho gayi ab hum log ghar …