जोगिंग पार्क-1

लेखिका : नेहा वर्मा मेरी शादी हुए दो साल हो चुके ह…

एनिमेशन क्लास

प्रेषक : शंकर आचार्य मेरा नाम शंकर है, बंगलोर में ज…

रूम पार्टनर से मरवाई

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा सलाम ! यह मेरी पह…

चरित्र बदलाव-6

अगले दिन सुबह 7 बजे मेरे कमरे का दरवाजा बजा, मैंन…

अब करो मेरा काम !

दोस्तो, हैरी का नमस्कार ! कैसे हैं आप लोग ! आप सभी …

जागी सी सोई सोई !-1

बात उन दिनों की है जब मेरा दाखिला कॉलेज में हुआ ह…

अतुलित आनन्द-2

प्रेषक : फ़ोटो क्लिकर हमने एक दूसरे को देखा, अब आँखो…

जरा ठीक से बैठो-3

प्रेषक : हरेश जोगनी बड़ा अजीब नज़ारा था, दो गेंद जो …

बेचैन निगाहें-2

बेचैन निगाहें-1 जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो दिल…

डिल्डो वाली पूजा-2

प्रेषिका : शालिनी “पूजा अब तो तूने मेरी गाण्ड भी मा…