मेरा गुप्त जीवन -29

मैं दो औरतों को चोद कर उनके बीच खड़े लंड को लेकर ल…

Kirayedar Ki Beti Ki Mast Chudai

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रेहान है दोस्तों में देसी क…

कॉरपोरेट कल्चर की चुदाईयाँ -1

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को वंशिका का प्यार भरा नमस्…

भाभी की गीली पैन्टी -1

अन्तर्वासना के पाठको, मैंने अभी अभी अन्तर्वासना की का…

धोबी घाट पर माँ और मैं -10

मुझे तो ज़ल्दी से माँ के साथ सोने की हड़बड़ी थी कि कै…

अठरह वर्ष पूर्व दिए गए वचन का मान रखा-2

लेखिका : नलिनी रविन्द्रन अनुवादक एवं प्रेषिका: तृष्णा…

मेरे लण्ड का नसीब -2

मुझे बहुत दोस्तों के मेल मिले, आपके प्यार का बहुत आ…

मेरा गुप्त जीवन- 17

यह प्रसंग कोई 10 मिन्ट तक चला और तब तक बिंदू की झिझ…

मेरा गुप्त जीवन -25

निर्मला गैर मर्दों से अपनी चूत चुदाई के किस्से सुनात…

धोबी घाट पर माँ और मैं -9

शाम होते-होते हम अपने घर पहुंच चुके थे। कपड़ों के …