कानून के रखवाले-13
देर से ही सही … इतनी ज्यादा सेक्स में मजबूर होने के…
लव ट्रैंगल
प्रेषक : आकाश अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार। …
मुझे रण्डी बनना है-1
बीते दिनों की बात है, मैं हमेशा की तरह ट्रेन में स…
पिंकी की बेटी सोनिया-2
वो बहुत खुश थी, मैं जानता था कि उसको क्या चाहिए – …
मुझे रण्डी बनना है-9
मौसी ने मुझे खींचते हुए अपनी बाहों में लिया और बो…
कानून के रखवाले-7
प्रेषक : जोर्डन आरती (सफेद सलवार-कमीज़ में)- भाभी जल्…
मुझे रण्डी बनना है-6
मौसी ने इशारा किया और कहा- क्या राजा बाबू ! हमारी …
चाचा का उपहार-1
हाय दोस्तो.. कैसे हैं आप सब। आप सबका मैं बेहद शुक्र…
हाथ में हाथ-2
वह चुपचाप रही, लेकिन चमकती हुई बिजली की रोशनी में…
शर्बत-ए-आजम
प्रेषिका : लक्ष्मी कंवर मेरा देवर नरेन्द्र बहुत ही सीध…