प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-11

शाम को ऑफिस से लौटते समय मैंने रचना के लिये एक पा…

विरह की आग में सुनयना की चुदास

मेरे प्यारे पाठक दोस्तो, आप सभी को मेरा प्रणाम.. मैं…

इत्तफाक से मिली चूत

अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को मेरे खड़े लंड का प्रणाम.…

मेरा गुप्त जीवन- 157

रश्मि मुझ को सचमुच हैरानी से देख रही थी और उसकी आँ…

Ek Chut Do Lund

मेरा नाम अभी है और में एक छोटे से गाँव का रहने वा…

वासना की न खत्म होती आग -8

वो मुझे अपने दांतों को भींचते हुए मुझे देख धक्के ल…

प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-12

दूसरे दिन रात की हम लोगों की ट्रेन थी। सुबह को हम …

प्रशंसिका ने दिल खोल कर चूत चुदवाई-10

हम दोनों एक दूसरे का माल चाट कर या पीकर पूरी तरह …

जबलपुर की ममता की अतृप्त वासना -4

अब तक आपने पढ़ा.. ममता मेरे लण्ड पर कूद रही थी.. उस…

मेरा गुप्त जीवन- 155

मैंने धीरे धीरे लंड को नैंसी की चूत के अंदर बाहर …