शर्बत-ए-आजम

प्रेषिका : लक्ष्मी कंवर मेरा देवर नरेन्द्र बहुत ही सीध…

मुझे रण्डी बनना है-3

हम मौसी के कमरे में पहुंचे आलीशान कमरा था और ए सी…

हाथ में हाथ-2

वह चुपचाप रही, लेकिन चमकती हुई बिजली की रोशनी में…

मजा कहाँ है?-2

प्रेषक : हैरी बवेजा उसने मेरी कमर पर अपनी टाँग रख …

पापा का दोस्त

प्रेषिका : लवीना सिंह अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा …

मज़दूर से मिली तृप्ति

निम्न कहानी का पूरा मजा लेने के लिए एक बार पूर्व-प्र…

जयपुर से मुम्बई

प्रेषक : अजय कुमार दोस्तो, मेरा नाम अजय है मैं 29 व…

बैंड बजा डाला

प्रेषक : मस्त कलन्दर दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है अन्…

दो की प्यास बुझाई

मैं मुंबई का रहने वाला हूँ, मेरा कद 5 फ़ुट 9 इन्च ह…

गाँव जाकर नौकर से प्यास बुझवाई-2

लेखिका : आंचल जैसे कि मैंने पहले भाग में बताया था…