पायल बज गई

प्रेषक : राज पाल सिंह हेलौ फ्रेंड्स, मैं राज उम्र 37 …

औरत की धधकती आग-2

तो रूबी कहने लगी- इतना मजा पहली बार ले रही हूँ ! …

गैर मर्द की बाँहों में एक बार फिर

गैर मर्दों की बाहों में मिलता है सुख-2 सभी अंतर्वा…

मिनी मेरी बन गई

एक बार मैं फिर आपके सामने अपनी नई कहानी के साथ हा…

एक खुशनुमा सपना

हेल्लो दोस्तो! मैं सावी एक बार फिर से हाजिर हूँ अपन…

दीदी, जीजाजी और पारो-1

मेरे परिवार में मैं, पिताजी, माताजी और मुझ से तीन…

मस्तानी लौन्डिया-2

चार दिन आरामे से बीते। निशु के साथ ताश के बहाने न…

मेरी प्यास बुझाओगे क्या?

निखिल नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम निखिल है। मैं मुम्बई क…

एक शाम बरसात के नाम

लेखिका : कामिनी सक्सेना हम लोग जहां रहते हैं वो एक…

कमल खिल गई

मुझे सेक्स का कोई अनुभव नहीं था, मेरा जीवन तो जैसे…