बाथरूम का दर्पण-5
मैं रोनी सलूजा एक बार फिर आपसे मुखातिब हूँ। मेरी …
Job In New Place
Hi friends its me Jasi once again now in harayana…
पलक की चाहत-4
मैंने कहा,”अब मत रोक ! नहीं तो तेरा देह शोषण हो ज…
बाथरूम का दर्पण-2
मैंने सोचा कि बाथरूम में जाकर दर्पण का मुआयना करूँ…
मेरा फ़र्ज़, उसका फ़र्ज़
बेंगलौर स्थित महात्मा गांधी रोड हर किसी की जुबां पर…
जिस्म की मांग-1
प्रणाम पाठको, उम्मीद है सब कुशल मंगल से होंगे, सबका…
पलक की चाहत-6
हम दोनों घाट से उठे, मैंने अपनी चप्पल हाथों में ही…
शादी से पहले नहीं
सबसे पहले मेरी ओर से सभी चूतों और लौड़ों को मेरा न…
पलक की चाहत-5
वो कहते कहते रुक गई … “मैंने पूछा और क्या …?” तो ब…
बाथरूम का दर्पण-1
अन्तर्वासना के तमाम पाठकों एवं पठिकाओं को रोनी का प्…