जागी सी सोई सोई !-2

प्रेषक : गुल्लू जोशी मुझे ही बहुत ही आसक्ति से देख र…

बेचैन निगाहें-2

बेचैन निगाहें-1 जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो दिल…

मैं चुप रहूँगा

कॉलेज में हड़ताल होने की वजह से मैं बोर हो कर ही अ…

अब करो मेरा काम !

दोस्तो, हैरी का नमस्कार ! कैसे हैं आप लोग ! आप सभी …

दूसरी सुहागरात-3

प्रेम गुरु की कलम से…… सम्पादन सहयोगिनी : स्लिम सीमा…

चरित्र बदलाव-6

अगले दिन सुबह 7 बजे मेरे कमरे का दरवाजा बजा, मैंन…

यह तो होना ही था

मेरी भेजी हुई एक कहानी आपने पढ़ी होगी आठ साल बाद म…

जरा ठीक से बैठो-2

प्रेषक : हरेश जोगनी हम दोनों थक चुके थे उस स्थिति म…

आग

प्रेषक : कालबॉय जॉन हाय दोस्तो, मेरा नाम जतिन है, म…

खड़े लंड पर धोखा

नमस्कार प्रिय पाठको, मैं आदित्य, दिल्ली से एक बार फिर…