बुआ हो तो ऐसी-1
(प्रेम गुरु द्वारा संशोधित एवं संपादित) घर की मौज ह…
पड़ोस वाली भाभी-2
जैसा कि आप जानते हैं कि मैं अब एक कॉल-बॉय हूँ लेक…
बस मेरे लिए फ्री रहना
मैं एक बार फिर से आपके सामने हाजिर हूँ अपनी एक आप…
एकाकीपन में खुशी
प्रेषक : अशोक अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्क…
जब मैं जिगोलो बना-2
जब मैं जिगोलो बना-1 मैं थोड़ा हैरान था, मैंने कहा…
मौसी के घर मस्ती
प्रेषक : अजय बात यह हुई कि एक साल पहले मेरी मौसी न…
मस्त काम वाली सोना बाई
प्रेषिका : कामिनी सक्सेना सोना कई वर्षों से घर में न…
हवाई जहाज में चुदाई-2
प्रेषक : विक्की कुमार अब मैं खुश था कि एक विदेशन सु…
काम में मज़ा आया?
प्रेषक : आलोक कुमार मैं आप सबको अपनी बात बता रहा ह…
दोस्त दोस्त ना रहा
यह उस समय की बात है जब मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली…