बेटा और देवर-1
मेरी योनि के अन्दर घूमती उंगली ने मुझे मदहोश कर रख…
शिल्पा के साथ ट्रेन का सफ़र-1
लेखक : माइक डिसूज़ा मैं अन्तर्वासना की कहानियाँ बहुत…
बात बनती चली गई-1
विजय पण्डित घर में हम तीन लोग ही रहते थे- मैं, मेर…
लंड चूसने की विधि -1
इस धरती पर शायद ही ऐसा कोई पुरुष होगा जिसे अपना ल…
आर्मी ऑफिसर की बेटी
प्रेषक : देव मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ ! मैं मैंट्…
स्पर्म थैरेपी-3
प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता द्वीतीय भाग से आगे : अब म…
शिल्पा के साथ ट्रेन का सफ़र-3
लेखक : माइक डिसूज़ा पाठको, अब तक आपने पढ़ा कि शिल्पा…
गरम आइसक्रीम
यह मेरे पड़ोस में रहनी वाली विश्रांती-रेशमा की कहान…
स्पर्म थैरेपी-8
सप्तम भाग से आगे : ओह.. तो यह बात है… रश्मि। यही तो…
वो अक्षत योनि की क्षति -2
मेरी पिछली कहानी वो अक्षत-योनि की क्षति -1 प्रकाशित …