लूट का माल
फ़ुलवा हरजीत सिंह ज्यों ही कमरे में दाखिल हुआ, सन्तो…
प्रेम और पिंकी का प्यार-2
प्रेषक : प्रेम मैंने कहा- पिंकी, अच्छा लग रहा है? वो…
छैल छबीली-1
“सुनो भाई, कोई कमरा मिलेगा?” “वो सामने पूछो!” मैं…
लिंगेश्वर की काल भैरवी-2
(एक रहस्य प्रेम-कथा) लिफ्ट से नीचे आते मैं सोच रहा थ…
छैल छबीली-2
कहानी का पिछ्ला भाग : छैल छबीली-1 उसके पति शाम को…
प्रेम और पिंकी का प्यार-3
प्रेषक : प्रेम मैं- ओह पिंकी, मैं बस आने वाला हूँ !…
लिंगेश्वर की काल भैरवी-1
(एक रहस्य प्रेम-कथा) मेरे प्रिय पाठको और पाठिकाओ, मे…
एक सफ़र
प्रेषक : गुल्लू जोशी बस में कोई खास भीड़ तो नहीं थी,…
लिंगेश्वर की काल भैरवी-5
(एक रहस्य प्रेम-कथा) मैं उसे चूमता हुआ नीचे मदनमंदि…
अरमान पूरे हुए… -2
जैसे ही राशि के पेपर हो गए और राशि फिर से अपने शह…