स्कूल की सजा का मज़ा-1
कैसे हो दोस्तो ! मैं राज एक बार फिर से आप सबके लिए…
लड़कियों की मारता हूँ
यह कहानी केवल मनोरंजन के लिए है जिनका वास्तविक जीव…
किरदार-2
प्रेषिका : स्लिमसीमा “तुम यह काम क्यों कर रही हो? मह…
कॉलेज़ के गबरू
हैलो दोस्तो, मेरी तरफ से आपको नमस्कार, आपने मेरी सभ…
छोटी साली के बाद रूपा-1
लेखक : वीरेंदर प्रिय पाठको, आपने मेरी कहानियाँ पढ़ी…
अवनी मौसी-1
प्रेषिका : निशा भागवत अवनी मौसी अभी कोई पैंतीस वर्ष…
किरदार-3
प्रेषिका : स्लिमसीमा “जी नहीं ! अक्ल के लिए !” उसने …
मुझे इसी की जरूरत थी
प्रेषक : राज मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैं…
प्यासी कली- 2
कहानी का पिछ्ला भाग: प्यासी कली- 1 रूपाली ने फ़ार्म ह…
सुहागरात की विधि -3
वैसे तो सम्भोग के लिए कई आसन हैं पर पहली बार के लि…