अपने ही ऑफिस में रंडी बनकर चुदी
प्रेषिका : कोमल मित्तल सभी अंतर्वासना पढ़ने वाले पाठ…
मदनराग रंग लायो..
तन के मिलन की चाह बडी नैसर्गिक है। सुन्दर स्त्री की द…
घोंसले की तलाश
नमस्ते दोस्तो ! मेरा नाम लव है, मैं आपसे अपना पहला …
बेईमान दिल
प्रेषिका : यशोदा पाठक मैं अब बड़ी हो गई हूँ। मेरी म…
होस्टल में समलैंगिक सम्बन्ध
प्रेषक : अनुराग बिष्ट मेरा नाम अनुराग है और मैं आपक…
मैं और शेफाली जयपुर में
प्रेषक : मेरा नाम रोहित है, मैं जयपुर में रहता हूँ…
मेरी प्रिविक्षिका
प्रेषिका : मोना सिंह मेरा नाम दीपक है। मैंने अन्तर्व…
पहली फ़िसलन
प्रेषिका : रेनू बाला मेरे पतिदेव का एक तथाकथित भाई…
तो देरी किस बात की
प्रेषक : हरी दास सभी पाठकों को मेरा प्रणाम ! यह कहा…
भीगा बदन
आपको एक खास बात बताऊं ! जब मैं कुवांरी थी तब मेरी…