फिर सुबह होगी
लेखिका : शमीम बानो कुरेशी “कल सुबह सुबह तो तू मुम्…
खड़े लंड पर धोखा
नमस्कार प्रिय पाठको, मैं आदित्य, दिल्ली से एक बार फिर…
फ़ौजी फ़ौज़ में, हम मौज़ में-1
मेरा नाम कबीर है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। अन्त…
बेचैन निगाहें-2
बेचैन निगाहें-1 जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो दिल…
जीजू ने बहुत रुलाया-2
प्रेषिका : मेघना सिंह दिनभर मैं घर पर अकेली रहती थ…
गाण्ड मारे सैंया हमारो-5
प्रेम गुरु और नीरू बेन को प्राप्त संदेशों पर आधारित …
बेचैन निगाहें-1
मेरी शादी हुए दो साल हो चुके हैं। मेरी पढ़ाई बीच म…
दूसरी सुहागरात-1
प्रेम गुरु की कलम से….. संतुष्टो भार्यया भर्ता भर्ता भ…
जरा ठीक से बैठो-2
प्रेषक : हरेश जोगनी हम दोनों थक चुके थे उस स्थिति म…
मैं चुप रहूँगा
कॉलेज में हड़ताल होने की वजह से मैं बोर हो कर ही अ…