Ik Kudi Punjab Di – Part 46

Sukh Simran se milne ke baad sidha Neetu ke ghar …

कमाल की हसीना हूँ मैं-46

शहनाज़ खान इस दौरान मैं कई मर्तबा झड़ी और मेरी चूत न…

मेरा गुप्त जीवन- 140

कम्मो कुछ देर सोचते हुए बोली- छोटे मालिक रति को भी…

एक माह चाची के घर

दोस्तो, नमस्कार ! मैं चक्रेश यादव अपनी नई कहानी के स…

वासना की न खत्म होती आग -3

अब तक आपने पढ़ा.. वो मुझे देख कर मुस्कुराए और मैं भ…

कमाल की हसीना हूँ मैं-16

“शहनाज़ ! बहुत टाईट है तुम्हारी…” कहते हुए फिरोज़ भा…

कमाल की हसीना हूँ मैं-32

“आज मैं आपके बेटे की बीवी हूँ।” “लेकिन पहले तू मे…

कमाल की हसीना हूँ मैं-29

मैं कमरे से बाहर निकल कर बगल वाले कमरे में, जिसमे…

कमाल की हसीना हूँ मैं-13

दोनों भाइयों ने लगता है दूध की बोतलों का मुआयना क…

कमाल की हसीना हूँ मैं-11

मैं काफी उत्तेजित हो गई थी। जावेद इतना फोर-प्ले कभी…